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हरिद्वार27 मिनट पहले
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दिव्यता क्या है? हमें देखकर कोई प्रभावित होता है। उसके अंदर हमारे लिए आदर का भाव जागता है। हम चीजों को समझने लगते हैं, परिस्थितियों को बेहतर तरीके से संभालने लगते हैं। इसे ही व्यक्तित्व की दिव्यता कहते हैं। ये सहज नहीं होती। इसके लिए काफी प्रयत्न करने होते हैं। कुछ साधन हैं जिनसे हम अपने भीतर ये दिव्यताा जगा सकते हैं। आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे अंदर दिव्यता कब आती है?
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