Special things of Chaitra month: The first incarnation of Lord Vishnu took place, Shri Ram-Hanuman was born, and in this month Brahma ji created the universe. | चैत्र मास की खास बातें: भगवान विष्णु का पहला अवतार हुआ, श्रीराम-हनुमान का जन्म हुआ, इसी महीने ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की

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5 मिनट पहले

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हिंदी कैलेंडर का पहला महीना, चैत्र शुरू हो गया है। ये 26 मार्च से 23 अप्रैल तक रहेगा। ये महीना पुण्य फलदायी माना जाता है। इस महीने हिंदू नव वर्ष, नवरात्रि, राम नवमी और हनुमान जयंती जैसे बड़े पर्व मनाए जाते हैं। साथ ही बीमारियों से बचने के लिए शीतला देवी पूजा और व्रत भी किया जाता है।

ज्योतिष के नजरिये से: 2080 साल से इसी महीने से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष
इस महीने की पूर्णिमा तिथि पर चित्रा नक्षत्र होता है, इसलिए इस महीने का नाम चैत्र पड़ा। इस महीने का स्वामी राहु होता है। इस महीने में रोहिणी और अश्विनी नक्षत्र शून्य होते हैं। यानी जिस दिन ये नक्षत्र हो उनमें कोई खास काम शुरू नहीं करना चाहिए। वरना धन हानि होने की आशंका रहती है। इस महीने की अष्टमी और नवमी तिथि भी शून्य मानी जाती है। इन तिथियों पर भी बड़ा काम शुरू करने से बचना चाहिए।

2080 साल पहले उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि पर विक्रम संवत शुरू किया था। तभी से इस दिन हिंदू नववर्ष मनाने की परंपरा चली आ रही है।

इस तिथि पर वार और ग्रहों के मुताबिक ज्योतिषियों द्वारा पूरे साल की भविष्यवाणी की जाती है। लगभग हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि पर सूर्य और चंद्रमा दोनों पहली राशि, मेष में होते हैं। ऐसे संयोग सिर्फ इसी महीने में बनता है।

धर्म के नजरिये से: अक्षय पुण्यदायी और सृष्टि की शुरुआत का महीना
1.
पुराणों के मुताबिक इस महीने में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप को पूजने का विधान है। इस महीने तपन नाम के सूर्य की पूजा की जाती है। सूर्य का ये रूप पाप नाशक और बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।
2. ग्रंथों के मुताबिक चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि पर ही सतयुग की शुरुआत हुई थी, इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है।
3. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि और पूर्णिमा को मन्वादि तिथियां कहा गया है। यानी इस दिन किए गए दान से अक्षय पुण्य मिलता है।
4. भविष्य पुराण का कहना है कि इस महीने के शुक्ल पक्ष में सरस्वती पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है।
5. महाभारत के मुताबिक पूरे चैत्र महीने में एक वक्त खाना खाने से लंबी उम्र के साथ ही धन लाभ भी होता है। ग्रंथों के मुताबिक इस महीने बिना नमक के व्रत करने से बीमारियां दूर होती है।
6. वामन पुराण का कहना है कि चैत्र मास में ब्राह्मण भोजन, दक्षिणा और पान का दान करने का बहुत महत्व है। चैत्र मास में कपड़े, बिस्तर और आसन का दान करने से महा पुण्य मिलता है।
7. ब्रह्म और नारद पुराण के मुताबिक चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना शुरू की थी।
8. मत्स्य पुराण के मुताबिक चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। यानी मछली का रूप लेकर धरती को बचाया था।
9. मार्कंडेय पुराण के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की शुरुआत वसंत नवरात्रि से होती है। इन नौ दिनों में देवी पूजा करने से रोग, शोक और दोष दूर हो जाते हैं।
10. अगस्त्य संहिता का कहना है कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन श्रीराम का जन्म हुआ था और हनुमान जी का जन्म इस महीने की पूर्णिमा को हुआ था।

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